यादगार पल

www.hamarivani.com

गुरुवार, 26 मार्च 2015

आज भी याद है ---(कविता)

आज भी याद है,
उसकी हँसीं,
मुस्कुराहट
अधरों से निकले,
वो लब्ज जब,
हृदयंगम,
होते हैं।
तो मैं खो जाता हूँ
उसकी यादों में,
टटोलने लगता हूँ,
बिताये हुए।
वो सारे पल-
वो स्पर्श,
कभी कभी ,
नाराजगी को दिखाना ,
मुझसे दूर जाकर,
बैठ जाना,
फिर थोड़ी देर बाद,
वापस आना,
अपनी गलती को,
सहर्ष स्वीकार करना।
फिर मुस्कुराते हुए,
शरमाना।
होने लगती है,
सब बातें।
अन्त में हाथ लगती है,
उसके हमारे बीच का
कार्यानुभव,
जिसमें यादों के रास्ते,
करते हैं विचरण!!
----रमेश कुमार सिंह ♌
----०८-०३-२०१५

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें